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28 Mar 2017 · 1 min read

है निवाला सामने पर तू नही

है अधूरी ज़िन्दगी अब लौट आ
बिन तुम्हारे क्या ख़ुशी अब लौट आ

अब सताऊँगा नही माँ मैं तुम्हें
कर रहा मैं वन्दगी अब लौट आ

है निवाला सामने पर तू नही
बस तुम्हारी है कमी अब लौट आ

जानता मैं बिन तुम्हारे कुछ नही
पूजता तुमको सही अब लौट आ

है अँधेरा हर तरफ तुम बिन यहाँ
राह कोई है नही अब लौट आ

– ‘अश्क़’

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