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27 Mar 2017 · 1 min read

मुक्तक :-- चूड़ियां ।।

मुक्तक :– चूड़ियां ॥

हरी या लाल पहनों तुम हमें हर रंग प्यारा है ।
भरे जौवन में तो इनका दहकता अंग प्यारा है ।
कभी ये रूठ जाती हैं कभी ये खिलखिलाती हैं ,
तुम्हारी चूड़ियों के बोलने का ढंग प्यारा है ।।

अनुज तिवारी “इंदवार”
स्वरचित

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