Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
4 Sep 2016 · 1 min read

ढूंढ रहा है हर अध्यापक ,अपना वो अस्तित्व आजकल

अब कहाँ रह गए गुरु जी वाले किस्से
कहाँ रह गयी आदर सम्मान की बातें

गालियां मिलती हर मोड़ पर इन्हें
कहीं मिलती ठोकर , तो कहीं पड़ती लातें

मार्गदर्शन में उसके , चमकते लक्ष्य जिनके
आज वो कहीं खो गए हैं

अध्यापक शब्द का बदला मतलब
छात्र भी आजकल सो गए हैं

अध्यापक का होता था कभी भगवन सा सत्कार
आजकल करते छात्र उनसे , गैरों सा व्यवहार

बन जाओ मंत्री , डॉक्टर और अफसर,
या बन जाओ तहसीलदार
अध्यापक का न भूलो कभी
करना आदर सत्कार

केवल पढ़ाता नहीं है अध्यापक,
जीने की कला सिखाता
लक्ष्य की महिमा बतलाकर
आगे बढ़ने की राह दिखाता

अध्यापक ने ही आपको,
संस्कारिता का पाठ पढ़ाया
बतायी राह पर चलकर
खुद का तूने नाम चमकाया

क्यों खो गयी कदर उसकी
क्यों करता है नादानी
दिल दुखता है उसका भी
देखकर तेरी ये शैतानी

बच्चे हो तुम उसके सब
मात पिता सम व्यवहार करो
अनदेखी क्यों करते हो बातें उसकी
कुछ तो सोच विचार करो

बुरा नहीं है तुम्हारा चाहता वो
बात पते क़ी कहे वो हर पल
ढूंढ रहा है हर अध्यापक
अपना वो अस्तित्व आजकल

Loading...