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23 Mar 2017 · 1 min read

रात बीती

कल रात बड़ी खुशनुमा थी
पूनम का चांद चमक रहा था
नीले आकाश में तारे
मद्धिम संगीत बजा रहे थे
रोशनी मीठे शहद सी
टपक रही थी पेड़ों से
उनकी टहनियों को चूम कर
पत्तों के बीच रास्ता बना रही थी
और उस सुदूर क्षितिज पर
आकाश दरिया की बांह थाम
सुकून फरमा रहा था
सब कुछ कितना अच्छा था
कहीं कल तुम तो न आये थे
चुपके से अंधेरे के किवाड़
खोलकर मेरे दिल में

पुष्प ठाकुर

Language: Hindi
580 Views
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