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23 Mar 2017 · 1 min read

मुक्तक

मत पूछो अंजाम तेरे जाने के बाद!
मैं खुद को ढूँढता हूँ पैमाने के बाद!
मेरी हँसने की तमन्ना होती है मगर,
मैं रोता हूँ हरबार मयखाने के बाद!

मुक्तककार- #महादेव'(24)

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