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23 Mar 2017 · 1 min read

!! 23 मार्च - कैसे न याद करूं तुमको !!

नाम रोशन किया उन वीरों ने
आज ही के दिन जो झूल गए
फ़िक्र न थी अपनी कि आगे क्या होगा ?
फ़िक्र थी तो भारत माता की,कि क्या होगा ??

खुद को बर्बाद कर गए हम सब के लिए
फांसी पर झूल गए हम सब के लिए
उन जैसा अब नहीं कोई सानी
कर रहा है, हर कोई अब अपनी मनमानी

तिरंगे की शान में वो शहीद हो गए
तिरंगे के लिए घर से बेघर हो गए
चिंता करते थे भारत माता की
नहीं चिंता थी उनको अपनी माता की

कापं उठे थे फिरंगी उनके तंज से
थर थर कांपते थे उन के इस रंज से
कफ़न सर पर बाँध कर भीड गए वो
तभी तो फांसी पर हस के झूल गए वो

उनकी शाहदत पर नाज हम सब को
बस दुःख है की मत करो बर्बाद उनकी शहादत को
बड़ी कुर्बानी देकर संभाला है इस भारत देश को
हर पल माँ रखना देशवासियो उनकी शहादत को

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

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