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21 Mar 2017 · 1 min read

तराना

भूल सकते है नही
कोई तराना आपका ।
दर्दे गम की दास्तां है
हर तराना आपका ।।

तन्हा तन्हा कट नही सकता
सफर जज्बात का ।
हम को शायद साथ देदे
एक तराना आपका ।।

तप रही है जेठ सी अब
जिन्दगी की हर गली ।
काश!ठण्डी छाँव बनता
एक तराना आपका ।।

दर्दे गम कहते सुनाते
कट गया इतना सफर ।
अब रुलाये या हंसा दे
वो तराना आपका ।।

हर सुबह के बाद आती
शाम ये दस्तूर है ।
सुख का सागर गम का दरिया
है तराना आपका ।।
सुनील सोनी”सागर”
चीचली

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