Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2017 · 1 min read

कब तक छुपाओगे ये प्यार………..कुछ भी नही “मनोज कुमार”

कब तक छुपाओगे ये प्यार प्यार बिना कुछ भी नही |
कुछ तो करो तुम शरारत शरारत बिना कुछ भी नही ||

तेरे लाल लाल रचे हुए हाथ हाथ में दे दो ना |
आके लगा लो गले महोब्बत बिना कुछ भी नही||

झुमके भी करते है प्यार गाल से चिपके हुए |
आजा इश्क़ ना हो बदनाम इश्क़ बिना कुछ भी नहीं ||

जिस्मों की खुशबू मिलाने मिलाने आ जाओ |
अदाओं का जलवा दिखादो क जलवे बिना कुछ भी नही ||

हमें लगती है सबसे तू प्यारी क गुड़िया रानी सी |
बड़ी चंचल है शर्मीली नटखट नजाकत बिना कुछ भी नही ||

अरे प्रेम की बरसा तुम करदो पिपासा बुझती नही |
हम तो तेरे है तेरे अनुरागी अनुराग बिना कुछ भी नही ||

मेरे दिल को जो है अजीज चाँद का टुकड़ा वही |
हँसी मेरी तुम लौटा दो हँसी बिना कुछ भी नही ||

“मनोज कुमार”

674 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

महाभारत का युद्ध
महाभारत का युद्ध
SURYA PRAKASH SHARMA
भाग्य ने पूछा हज़ारों बार,मैं तुम्हारा नाम ले पाया नहीं !
भाग्य ने पूछा हज़ारों बार,मैं तुम्हारा नाम ले पाया नहीं !
पूर्वार्थ
Shayari
Shayari
Sahil Ahmad
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
$ग़ज़ल
$ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
वक़्त के वो निशाँ है
वक़्त के वो निशाँ है
Atul "Krishn"
एक गीत तुमको लिखा
एक गीत तुमको लिखा
Praveen Bhardwaj
मुक्तक
मुक्तक
Vandana Namdev
वेदना
वेदना
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बदरिया जान मारे ननदी
बदरिया जान मारे ननदी
आकाश महेशपुरी
ठंड
ठंड
Ranjeet kumar patre
दोहा पंचक. . . . सूक्ष्म
दोहा पंचक. . . . सूक्ष्म
sushil sarna
सावन
सावन
Bodhisatva kastooriya
पास फिर भी
पास फिर भी
Dr fauzia Naseem shad
।।समय का सदुपयोग
।।समय का सदुपयोग
।।"प्रकाश" पंकज।।
अहसास प्यार का।
अहसास प्यार का।
Rekha khichi
*महाराजा अग्रसेन को भगवान अग्रसेन क्यों न कहें ?*
*महाराजा अग्रसेन को भगवान अग्रसेन क्यों न कहें ?*
Ravi Prakash
*आत्मा गवाही देती है*
*आत्मा गवाही देती है*
Ghanshyam Poddar
मेहनत
मेहनत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐💞💐
💐💞💐
शेखर सिंह
मेमोरियल के लिए ज़मीन।
मेमोरियल के लिए ज़मीन।
Kumar Kalhans
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कसूरवान
कसूरवान
Sakhi
अश्क़ आँखों  तक आ गये तो इन्हें बहने दो।
अश्क़ आँखों तक आ गये तो इन्हें बहने दो।
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
दीपक बवेजा सरल
सत्य राम कहॉं से लाऊँ?
सत्य राम कहॉं से लाऊँ?
Pratibha Pandey
रो रही है मॉं
रो रही है मॉं
SATPAL CHAUHAN
ज़िंदगी  है  गीत  इसको  गुनगुनाना चाहिए
ज़िंदगी है गीत इसको गुनगुनाना चाहिए
Dr Archana Gupta
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
Justice Delayed!
Justice Delayed!
Divakriti
Loading...