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19 Mar 2017 · 1 min read

खुशनसीब हूँ तिरंगा पहना है कफन

ऐ कलम तू सुन लेना
उङते पत्ते पर तू लिख देना
गर शहीद हो जाऊँ ऐ वतन
दफन कर देना मातृ भूमि मे मेरा तन।
ये पैगाम मेरी बिटियाँ को कहना
देश का सिपाही तुम्हें है बनना
खुशनसीब हूँ तिरगां पहना कफन
चलता हूँ अब माँ से कहना मेरा नमन।

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