Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2017 · 1 min read

अपनी भूख मिटाऊंगा

मेरी भूख
और ये शहर की दुकाने,
आकाश को छूने को
दिन भर
बढ़ती रहती हैं
मुझ पर हंसती रहती है।

साथ मे खड़ा
जैसे वो मेरा पड़ोसी
रिक्शेवाला ,
सवारी पा जाने पर
मुझे देखता है और
बढ़ता रहता है
मुझ पर हँसता रहता है।

और ये कुछ पौधे भी
देखो,जो भादौ की बारिश
बैशाख की उमस
सहते है फिर भी
बढ़ते रहते है
मुझ पर हँसते रहते है।

बस कुछ घंटे और
फिर सर के उपर से
एक चाँद निकलेगा ;
शहर की दुकाने ,
रिक्शेवाला ,
और पौधे भी
सब चुप हो जाएंगे
मै सब को चिढ़ाता
सब पर हँसता
अपनी भूख मिटाऊंगा।

Language: Hindi
549 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

राह भी हैं खुली जाना चाहो अगर।
राह भी हैं खुली जाना चाहो अगर।
Abhishek Soni
यदि हम आध्यात्मिक जीवन की ओर सफ़र कर रहे हैं, फिर हमें परिवर
यदि हम आध्यात्मिक जीवन की ओर सफ़र कर रहे हैं, फिर हमें परिवर
Ravikesh Jha
कुछ दुआ की जाए।
कुछ दुआ की जाए।
Taj Mohammad
आंखों का कोई राज बता दे
आंखों का कोई राज बता दे
दीपक बवेजा सरल
🌺🌹🌸💮🌼🌺🌹🌸💮🏵️🌺🌹🌸💮🏵️
🌺🌹🌸💮🌼🌺🌹🌸💮🏵️🌺🌹🌸💮🏵️
Neelofar Khan
पार्वती
पार्वती
लक्ष्मी सिंह
कर शरारत इश्क़ में जादू चलाया आपने ।
कर शरारत इश्क़ में जादू चलाया आपने ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
sushil sarna
दिल
दिल
इंजी. संजय श्रीवास्तव
लिखूँ दो लब्ज वही चुभ जाते हैं
लिखूँ दो लब्ज वही चुभ जाते हैं
VINOD CHAUHAN
*फिर से राम अयोध्या आए, रामराज्य को लाने को (गीत)*
*फिर से राम अयोध्या आए, रामराज्य को लाने को (गीत)*
Ravi Prakash
🙅एग्जिट पोल का सार🙅
🙅एग्जिट पोल का सार🙅
*प्रणय प्रभात*
कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,
कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चिन्ता करू या चिन्तन क्योंकि
चिन्ता करू या चिन्तन क्योंकि
ललकार भारद्वाज
आदमी क्यों  खाने लगा हराम का
आदमी क्यों खाने लगा हराम का
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
टूट कर भी
टूट कर भी
Dr fauzia Naseem shad
पतंग को हवा की दिशा में उड़ाओगे तो बहुत दूर तक जाएगी नहीं तो
पतंग को हवा की दिशा में उड़ाओगे तो बहुत दूर तक जाएगी नहीं तो
Rj Anand Prajapati
किसी से भी कोई मतलब नहीं ना कोई वास्ता…….
किसी से भी कोई मतलब नहीं ना कोई वास्ता…….
shabina. Naaz
मै बुलंद हौंसलो वाला
मै बुलंद हौंसलो वाला
हिमांशु Kulshrestha
असल......सच यही है
असल......सच यही है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"मधुर स्मृतियों में"
Dr. Kishan tandon kranti
जन्म दिया माँबाप ने,  है उनका आभार।
जन्म दिया माँबाप ने, है उनका आभार।
seema sharma
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
पूर्वार्थ
मीनाबाजार
मीनाबाजार
Suraj Mehra
झूठे से प्रेम नहीं,
झूठे से प्रेम नहीं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
14, मायका
14, मायका
Dr .Shweta sood 'Madhu'
बाल कविता : काले बादल
बाल कविता : काले बादल
Rajesh Kumar Arjun
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Seema Garg
जीव सदा जग में बेचारा
जीव सदा जग में बेचारा
संजय निराला
Loading...