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13 Feb 2017 · 1 min read

II रोशनी के लिए II

जलाओ दिए,दीवाली ,दुनिया के लिए l
जिंदगी जल रही ,रोशनी के लिएll

तेल बाती जली ,तो उजाला हुआ l
मिलकर मिटे, रोशनी के लिए ll

दीप है तु ,अगर मैं ,तेरे प्राण हूं l
साथ हम तुम रहे रोशनी के लिए ll

अंधेरा धरा से हि, मिट जाएगा l
साथ में सब चलें, रोशनी के लिए ll

चांद सूरज से दुनिया ,है रोशन मगर l
रात अमावस में, जलो रोशनी के लिए ll

संजय सिंह”सलिल”
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l

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