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13 Feb 2017 · 1 min read

मेरा प्यार बनके आ जा

वो प्यार बनके आजा
तू बन के ख्वाब आजा
मेरा सरताज बन के आ जा
मैं ढूँढता हूँ सरे राह तुझ को
तू मेरी एक आह पर तो आ जा !!

हर नजर, हर वक्त , तेरी याद में
गुजर कर चला जाता है
मैं पकड़ना भी चाहूं उसको,
तो वो दगा दे कर भाग जाता है !!

इक सहारा है मेरे पास तेरी
यादो का , वो पिटारा मेरे साथ
साथ ही रह जाता है
मेरी जिन्दगी का बस इक तू
ही है सरोकार, ओ मेरे सरताज
बस तू, वो प्यार बनके आ जा !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

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