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10 Feb 2017 · 1 min read

फूल

फूल में तेरे लिए हर रोज लाया हूँ
प्यार में तेरे दिवाना मैं बनाया हूँ

खूबसूरत तू बहुत है इसलिये तो मैं
प्रान की बाजी लगा कर आज आया हूँ

आग ऐसी आज दिल में जो लगाई है
छोड़ कर मैं यह जमाना कुँवारा हूँ

जब न भायेगा इश्क तेरा किसी को तब
जुल्म दुनियाँ के सभी मैं आज सहता हूँ

मेहबूबा की अदा अब हो गयी ऐसी
आज उसका मैं सदा को ही नजारा हूँ

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