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7 Feb 2017 · 1 min read

तेरा जादू मोदी

तेरा जादू मोदी बड़ा हो गया l
यहां पर बखेड़ा खड़ा हो गया ll

भरे नोट बोरी में सड़ते यहां l
तिजोरी का ताला खुला हो गया ll

जहां हम रहे आज भी हम वही l
उदासी क ऊंचा बसर हो गया ll

उड़ते सितम गर धरा पर गिरे l
उड़ानों पे डर का कहर हो गया ll

सुना है कि अब नींद आती नहीं l
दवा का भी कमतर असर हो गया ll

सभी हैं यहां अब तेरे साथ में l
निराशा में आशा क हां हो गया ll

नहीं कोई अब तेरे जैसा यहां l
“सलिल” मान क्या ना तेरा हो गया ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश l

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