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7 Feb 2017 · 1 min read

दूरियां (मुक्तक)

मुक्तक

तुमसे मिले बिना यें मेरी जिन्दगी
अधूरी है।
मिल नही सकते हम-तुम यें कैसी मजबूरी है।
सिन्दूरी यें सांझ पिया आ देखो!
दिल मिल गयें जब आपस में फिर काहे की दूरी है।

सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड

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