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4 Feb 2017 · 2 min read

भारत माँ मैने भी कसम खाई है

एक जवान कि शहादत देख कर मेरा दिल काँप गया,
क्या कसूर था उसका जो वार उस पर हो गया !!
इस खून का बदला लेने कि कसम हमने खाई है,
इस खून का बदला लेने कि कसम हमने खाई है
दिल में इतनी आग लग गयी है,जो अब न बुझ पायी है !!

जिस्म तो जल गया है उस सैनिक का,राख से यह आवाज़ आयी है,
होंसले बुलंद रखना देश के वीरो, अब जाकर क़यामत कि रात आयी है !!
इस खून का बदला लेने कि कसम हमने खाई है,
इस खून का बदला लेने कि कसम हमने खाई है
दिल में इतनी आग लग गयी है,जो अब न बुझ पायी है !!

छोड़ना न उसको जिस ने मुझ पर वार ,करके सबकी नींद उडाई है,
जज्बा अब नामर्दगी का न रखना वीरो, अब शुरू हमारी लडाई है !!
इस खून का बदला लेने कि कसम हमने खाई है,
इस खून का बदला लेने कि कसम हमने खाई है
दिल में इतनी आग लग गयी है,जो अब न बुझ पायी है !!

में तो चला गया यह भारत माँ के लाल होने की लाज बचाई है,
परिवार मेरा बेघर न हो जाये ,उस की कमान तुम को थमाई है !!
इस खून का बदला लेने कि कसम हमने खाई है,
इस खून का बदला लेने कि कसम हमने खाई है
दिल में इतनी आग लग गयी है,जो अब न बुझ पायी है !!

हम देश पर हमं जान लुटाते रहेंगे,यही कसम हम ने खाई है,
खून का बदला, खून से लेंगे, देश के कोने से आवाज़ आयी है !!
इस खून का बदला लेने कि कसम हमने खाई है,
इस खून का बदला लेने कि कसम हमने खाई है
दिल में इतनी आग लग गयी है,जो अब न बुझ पायी है !!

जय हिन्द, जय भारत

कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ

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