Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2017 · 1 min read

गुजरते वकत में शामिल हो जाऊंगा

गुजरते वकत में शामिल हो जाऊँगा मैं,
एक तस्वीर बन कर रह जाऊँगा मैं,
खुशिया जितनी भी हैं मेरे दिल के अंदर
आप सभी को बाँट कर चला जाऊँगा मैं !!

न फरेब जानता हूँ, न छल करना जानता हूँ
दिल पाक साफ़ है मेरा,इसे छोड़ जाऊँगा मैं,
जितनी जिन्दगी बक्शी है, उस रब ने मुझे,
रोजाना वादा है आप को, हँसता चला जाऊँगा मैं !!

गमो को सहना सीखा दिया है,वकत ने मुझे
दिल किसी का न दुखे , कभी भी मुझसे,
बस यही कामना करता हूँ रोजाना मैं रब से,
ख़ुशी ख़ुशी चला आऊँगा ,जब बुलाओ गे मुझे !!

कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
242 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all

You may also like these posts

" आह "
Dr. Kishan tandon kranti
*तन - मन मगन मीरा जैसे मै नाचूँ*
*तन - मन मगन मीरा जैसे मै नाचूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पानी से आग बुझाने की ....
पानी से आग बुझाने की ....
sushil sarna
सुबह
सुबह
Neeraj Kumar Agarwal
हक-अधिकार लौटाने वाली पुस्तक
हक-अधिकार लौटाने वाली पुस्तक
विनोद सिल्ला
* आत्म संतुष्टि *
* आत्म संतुष्टि *
Vaishaligoel
*कुंभ नहीं यह महाकुंभ है, डुबकी चलो लगाऍं (गीत)*
*कुंभ नहीं यह महाकुंभ है, डुबकी चलो लगाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
3114.*पूर्णिका*
3114.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खूब भलाई कीजिए
खूब भलाई कीजिए
surenderpal vaidya
अर्ज है पत्नियों से एक निवेदन करूंगा
अर्ज है पत्नियों से एक निवेदन करूंगा
शेखर सिंह
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
दीपक बवेजा सरल
कोई भोली समझता है
कोई भोली समझता है
VINOD CHAUHAN
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हर शख्स नहीं होता है तुम जैसा
हर शख्स नहीं होता है तुम जैसा
Jyoti Roshni
राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा
राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा
नेताम आर सी
मैं तुम और हम
मैं तुम और हम
Ashwani Kumar Jaiswal
*बदलाव की लहर*
*बदलाव की लहर*
sudhir kumar
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तेरे बदलने का दुख नहीं है मुझको,
तेरे बदलने का दुख नहीं है मुझको,
Ranjeet kumar patre
न अब ख़ुद को किसी ग़ैर के लिए सजा दीजिए,
न अब ख़ुद को किसी ग़ैर के लिए सजा दीजिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बुद्धिमानी केवल इसमें है,
बुद्धिमानी केवल इसमें है,
amankumar.it2006
*वो मेरी मांँ है*
*वो मेरी मांँ है*
Dushyant Kumar
खालीपन
खालीपन
sheema anmol
बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
Neelam Sharma
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
Shweta Soni
👍
👍
*प्रणय प्रभात*
नींद
नींद
Kanchan Alok Malu
मधुमेह गीत
मधुमेह गीत
प्रदीप कुमार गुप्ता
मजदूर...!!
मजदूर...!!
Ravi Betulwala
क्या कहें,देश को क्या हो गया है
क्या कहें,देश को क्या हो गया है
Keshav kishor Kumar
Loading...