Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2017 · 1 min read

फिर वसन्त आया …

सूरज की किरणों ने पोर पोर चूमा
अलसाया सूर्य-कमल मस्ती में झूमा
मंद पवन झोकों ने, वन-चमन महकाया….

पेड़ों पर तरुणाई, वलनाती बेलें
रंग भरे बागों मे, आओ चलो खेलें
खेतों में सरसों ने, धूप को डराया….

भौरों के अंग लगीं, सरसिज की पॉखें
पात हीन टेसू की लाल हुई आंखें
अरुण उतर सरवर में, छोड़ गया साया

बालक सी धूप देह, वस्त्र बिना घूमे
पर्वत से चढ़- उतर, नगर ग्राम चूमे
बागों में मखमल सी, धरती की काया
फिर वसंत आया

Language: Hindi
446 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Laxmi Narayan Gupta
View all

You may also like these posts

🙅सीधी बात🙅
🙅सीधी बात🙅
*प्रणय प्रभात*
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
Neelam Sharma
श्री अयोध्या धाम और चित्रकूट यात्रा
श्री अयोध्या धाम और चित्रकूट यात्रा
श्रीकृष्ण शुक्ल
इक बार वही फिर बारिश हो
इक बार वही फिर बारिश हो
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
जीवन का खेल
जीवन का खेल
Sudhir srivastava
बिन बोले सुन पाता कौन?
बिन बोले सुन पाता कौन?
AJAY AMITABH SUMAN
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
Sanjay ' शून्य'
उनसे मुहब्बत करने से पहले ये देखना ज़रूर,
उनसे मुहब्बत करने से पहले ये देखना ज़रूर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन है एक गूढ़ ग्रंथ, अनकही इसकी वाणी,
जीवन है एक गूढ़ ग्रंथ, अनकही इसकी वाणी,
Sakshi Singh
गुज़ारिश है तुमसे
गुज़ारिश है तुमसे
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
भूखे हैं कुछ लोग !
भूखे हैं कुछ लोग !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
न तो हिन्दू न ही मुस्लिम
न तो हिन्दू न ही मुस्लिम
Shivkumar Bilagrami
रुका नहीं बचपन
रुका नहीं बचपन
आकाश महेशपुरी
प्यार  से  जो  है  आशना  ही  नहीं
प्यार से जो है आशना ही नहीं
Dr fauzia Naseem shad
हर रोज़ शाम होती है
हर रोज़ शाम होती है
हिमांशु Kulshrestha
अमावस का चाँद
अमावस का चाँद
Saraswati Bajpai
हम जैसे है वैसे ही हमें स्वयं को स्वीकार करना होगा, भागना नह
हम जैसे है वैसे ही हमें स्वयं को स्वीकार करना होगा, भागना नह
Ravikesh Jha
"शून्य"
Dr. Kishan tandon kranti
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मानसून को हम तरसें
मानसून को हम तरसें
प्रदीप कुमार गुप्ता
मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे
मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम सहारा बनकर आओगे क्या?
तुम सहारा बनकर आओगे क्या?
Jyoti Roshni
इश्क़ फरमाया उन्होंने अपनी आँखों से
इश्क़ फरमाया उन्होंने अपनी आँखों से
ruchi sharma
प्रेमानुभूति
प्रेमानुभूति
Akash Agam
अंतर मन की हलचल
अंतर मन की हलचल
कार्तिक नितिन शर्मा
"नेताओं के झूठे वादें"
राकेश चौरसिया
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सब वक्त का खेल है।
सब वक्त का खेल है।
Lokesh Sharma
माँ शारदे
माँ शारदे
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
लघुकथा - अनबन
लघुकथा - अनबन
जगदीश शर्मा सहज
Loading...