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29 Jan 2017 · 1 min read

अंतिम यात्रा

पति के मौत के तीन दिन बाद ही पत्नी की भी मौत हो जाती है । उसकी मौत मानो एक संदेश है ।

उड चुका था वह पंक्षी,
जो वर्षो से था साथ रहा,
तब जाकर मै उडी डाली से,
वर्षो से थी जुडी जहाँ ।

जीवन के हर वक्त गुजर गये,
हर नातो से नाता टूट गये,
नया जगत का वासी बन कर,
नव जीवन से जुडी यहाँ ।

हर जीवन की बात यही है,
मिलन विरह की बात सही है,
छोड़ चुकी जब निज जन आँगन,
अब पूनर्मिलन की बात कहाँ ।

अवलम्बन अब राम नाम का,
सहज भाव से जीवन जीना,
हो खुशियाँ भरपूर जीवन मे,
आशिष मेरा है सदा यहाँ ।

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