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27 Jan 2017 · 1 min read

मुक्तक

होते ही शाम मैं किधर जाता हूँ?
जुदा ख्यालों से मैं बिखर जाता हूँ!
खौफ होता है यादों का इसकदर,
जाँम की महफिल में नजर आता हूँ!

#महादेव_की_कविताऐं'(20)

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