Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2017 · 1 min read

आह

खुबाब पल भर का दिखा कर
इन्तजार सदियों का दे गई आँखे

खाई थी कसमे साथ निभाने की
बेवफाई कर गई सारी बातें ……

न दिल की दहलीज पर रखते वो कदम
न आज तन्हाईयों से कोई शिकवा होता..

न जाने कौन सी खता की यह
बे जुबाँ सी सजा दे गई आँखे…….

उन्हें रास आई मुहब्बत औरो की
आंसूं का समंदर हमें दे गई आँखे….

मिशा

Language: Hindi
442 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

राजतंत्र क ठगबंधन!
राजतंत्र क ठगबंधन!
Bodhisatva kastooriya
हम बोलते, तुम भी बोल लेती
हम बोलते, तुम भी बोल लेती
Vansh Agarwal
नशा नाश करके रहे
नशा नाश करके रहे
विनोद सिल्ला
मुझको उनसे क्या मतलब है
मुझको उनसे क्या मतलब है
gurudeenverma198
मानवता का अंत
मानवता का अंत
Shyam Sundar Subramanian
सच और झूठ
सच और झूठ
DESH RAJ
रौद्र, सममात्रिक,
रौद्र, सममात्रिक,
n singh
विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
Ajit Kumar "Karn"
■चंदे का धंधा■
■चंदे का धंधा■
*प्रणय प्रभात*
वक्त हो बुरा तो …
वक्त हो बुरा तो …
sushil sarna
बड़ी देर तक मुझे देखता है वो,
बड़ी देर तक मुझे देखता है वो,
Jyoti Roshni
#बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई!
#बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Mksport là một trong những nhà cái c&aa
Mksport là một trong những nhà cái c&aa
MKSport
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
Lokesh Sharma
"चौराहे में"
Dr. Kishan tandon kranti
वो सिलसिले ,वो शोक, वो निस्बत नहीं रहे
वो सिलसिले ,वो शोक, वो निस्बत नहीं रहे
पूर्वार्थ देव
4599.*पूर्णिका*
4599.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बरहम बाबा गीत बनाम बराहमन गीत।
बरहम बाबा गीत बनाम बराहमन गीत।
Acharya Rama Nand Mandal
मुझे उस पार उतर जाने की जल्दी ही कुछ ऐसी थी
मुझे उस पार उतर जाने की जल्दी ही कुछ ऐसी थी
शेखर सिंह
मतदान से, हर संकट जायेगा;
मतदान से, हर संकट जायेगा;
पंकज कुमार कर्ण
"" *श्री गीता है एक महाकाव्य* ""
सुनीलानंद महंत
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
सत्य कुमार प्रेमी
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
दो अक्टूबर - दो देश के लाल
दो अक्टूबर - दो देश के लाल
Rj Anand Prajapati
बेवफाई
बेवफाई
विशाल शुक्ल
*ग़ज़ल*/ *सियासत*
*ग़ज़ल*/ *सियासत*
नवल किशोर सिंह
करवा चौथ
करवा चौथ
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मैं एक अँधेरी गुफा में बंद हूँ,
मैं एक अँधेरी गुफा में बंद हूँ,
लक्ष्मी सिंह
जब हम अपनी आंतरिक शक्ति बढ़ाकर अपनी कमजोरियों को प्रबंधित कर
जब हम अपनी आंतरिक शक्ति बढ़ाकर अपनी कमजोरियों को प्रबंधित कर
ललकार भारद्वाज
Loading...