Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
2 Jun 2016 · 1 min read

कहती गई

सच तेरी मुहब्बत में हमेशा,मैं यूँ ही बहती गई ,
मुहब्बत की दरिया में बह,आज यहाँ आ गई,
याद है मुझे वो लम्हे,जो कभी गुजारा था यहाँ,
पता ही न चला कि कब किनारे से दूर हो गई,

लालजी ठाकुर

Loading...