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6 Dec 2016 · 1 min read

चेतावनी

कब तलक जियोगे गुमनाम रहकर जिन्दगी जाया हो जाएगी।

रात भी मुँह मोड़ अँधेरे से सुबह में उजाले का साया हो जाएगी।

तोड़ जंजीरें झूठे रिश्तों की,अब मरना छोड़ किश्तों में,

अंजाम का आगाज तो कर,तपती धूप भी ठंडी छाया हो जाएगी।

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