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17 Nov 2016 · 3 min read

एक अपील 500 के नोट वाले हर नागरिक से

एक अपील देश के नागरिकों से
एक अपील खुद को दिल के साफ बताने वालों से
एक अपील कुछ करने को तैयार देश के उन हस्तियों से
एक अपील तनाव ग्रस्त गरीबों एवम अमीरों से

माननीय प्रधानमंत्री जी के इस सकारात्मक कदम से देश में राम राज की क्रांति का जो सूरज उदय हुआ है उससे भ्रांतियां एवम तनाव की भी कुछ जगह स्थिति बनी हुई है । जिन लोगों को ये भ्रान्ति है कि उनके नोट किसी काम के नहीं उन्हें ये बता दे, काम के तो है परंतु केवल बैंक में देकर उसकी वैल्यू पाकर न कि बाजार में कहीं भी लेन देन करके।
परन्तु जो अत्यधिक निम्न पेशे के अनपढ़ लोग हैं उन्हें जाग्रति की अत्यंत आवश्यकता है जिससे वे समझ कर बैठे हैं उन्होंने जो कुछ थोड़े बहुत पैसे जमा किये थे वे रद्दी हो गए हैं , उन्हें इस बारे में जागृत कीजिये कि घबराने की कोई बात नहीं आप इसे 31 दिसम्बर तक बैंक में जाकर उसका 100 प्रतिशत मूल्य नियमानुसार पा सकते हैं। जिसे सुनकर निम्न वर्ग अभिप्राय आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों में जो तनावपूर्ण माहौल बना हुआ उससे निजात मिलेगी। रही बात अत्यधिक अमीर आदमी जो जरूरत से ज्यादा नकदी रख कर बैठा है वह या तो किसी गरीब को धीरे धीरे अपने हिसाब से बाँट दे या किसी गरीब से थोड़े पैसे लेकर उससे बदल ले जिससे देश में गरीबी का संतुलन भी सही हो जायेगा और आपका पैसा भी तनाव रहित हो जायेगा बजाए इसकी कि आप उसे जलाने की सोचे ।और वह गरीब निसंकोच आपकी मदद करने को दोनों कारणों के लिए तैयार भी हो जायेगा । मान लीजिए आपके पास 20 लाख कैश है तो 40000 को 50 गरीबों में दे दे तो उनके लिए भी बेहतर है । भविष्य में केवल नकद का व्यापार करने से पहले सोच ले कि अगर वह कार्य बैंक की नजरों से होकर जाये कितना तनाव रहित कार्य हो । टैक्स देना तो हमारी जिम्मेदारी है उससे भाग कर केवल नकद का कार्य क्यों करें । जरा सोचिए और विचार कीजिये । फ़ालतू हो अगर पैसा जलाने की बजाए गरीब की झोली में उतार दीजिये । मगर हिसाब से कहीं वह उसके लिए मुसीबत का मुद्दा न बन जाये । यही तो है असली नजर में काला धन जिसे गरीबों में बाँटने के लिए मोदी जी भी सोचा करते थे। माननीय मोदी जी का ये कदम अमीरी और गरीबी में संतुलन बनाने का कार्य करेगा । उन सभी पुरुषों , औरतों से विनम्र बिनती है जो अब तक नकद पैसे को दूसरों की नजर से बचाने का मोह बनाते आये हैं अब उनके लिए देश हित एवम पुण्य कार्य करने का समय आ गया है ।कुछ व्यक्तियों का ये कहना हम अपनी कमाई किसी को क्यों दे जला देंगे पर किसी को नहीं देंगे , आप ही बताये ये कहाँ की बुद्धि जीविता है । सलाम राष्ट्र के इस सपूत को जिसने देश में भ्र्ष्टाचार, गरीबी , काले धन का संतुलन बनाने को जो कदम उठाया है प्रकृति की तरंगें इस सपूत से राम राज के कार्य करवा रही हैं । विरोध होना जायज है हर अच्छे कार्य का विरोध न हो तो उस बात का मजा नहीं । सबसे ज्यादा विरोध तो वही करेंगे जिनकी बुद्धिजीवी के रूप में समाज में पहचान है , क्योंकि उनके घरों में भी तो नक़द का सामान भरपूर मात्रा में है । सभी से अपील की जाती है आप सब भी इस मुहीम में बढ़ चढ़ कर सहयोग करें एवम आर्थिक सन्तुलन के इस हवन कुंड में अपनी भी पवित्र आहुति दें ।

धन्यवाद
कृष्ण मलिक अम्बाला
कवि एवम शायर
ईमेल-ksmalik2828@gmail.com

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