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7 Nov 2016 · 1 min read

भाई दूज

लेकर थाली खड़ी अकेली,
मुझको गीत सुना जा ना l
भाई-बहिन का प्यार अनोखा,
फिर जग को बतला जा ना l

सात समुन्दर पार से भाई,
जब न घर आ पाया तो l
नभ के चन्दा नीचे आकर,
तू ही दूज करा जा ना l

(आप सभी को भाई दूज की हार्दिक शुभकामना)

– राजीव ‘प्रखर’
मुरादाबाद (उ. प्र.)
मो. 8941912642

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