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27 Oct 2016 · 1 min read

कर गयी चोट बस एक नजर में दोस्‍तों

कर गयी चोट बस एक नजर में दोस्‍तों

चेहरे‍ मिले,

आँखें मिली,

दिल पर कर गयी चोट,

बस एक नजर में दोस्‍तों।

उसके पायल की झंकार,

और नयनों के बाण,

बस एक ही बाण में,

घायल कर गयी दोस्‍तों।

उसकी मोहक अदाएँ पर,

हो गया हूँ फिदाएँ,

उसकी एक झलक पाने को,

तरस गया हूँ दोस्‍तों।

कहीं है वो मगर,

शायद चलती नहीं अब डगर,

उसकी यादों के झरोखों में,

नींदें उड़ गई है दास्‍तों।

वो आएगी कि नहीं,

उन्‍हें ढूँढ रहा हूँ यहीं,

उन्‍हें पाने की खातिर ही,

जी रहा हूँ दोस्‍तों।

———— मनहरण

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