Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
26 Oct 2016 · 1 min read

यादें

सोचता रहता हूँ हर पल,
अब तो बस बातें तेरी,
कैसे थे वो दिन मेरे,
कैसी थीं रातें मेरी,

मिलने खातिर तुमसे मैं,
करता रहता था बहाने,
वो तेरा हँस के गुज़रना,
वो मेरा देखते रह जाना,

मुस्कुराता देख हमको,
जलता था जब जमाना,
उनको जलता देख तेरा,
देख मुझको मुस्कुराना,

सब मधुर यादें हैं देती,
क्षणिक एक मुस्कान मुझको,
तेरी यादें हैं डुबोती,
गम के के गहरे पोखर में,

अब याद आती बस तुम्हारी,
जागने और सोने में,
याद तेरी अब बसी है,
मेरे मन के हर कोने में!!

-अनुपम राय’कौशिक’

Loading...