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22 Oct 2016 · 1 min read

रूठा है

मौसम क्यो है रूठा ,मेरी तन्हाईयो से.
देना इसको है साज,मेरी खामोशियों से.

भूला भूला भटका,दे दो सहारा मुझे तुम.
प्यार की वीणा पर,बना सरगम मुझे तुम.

दीप बन आलोकित.,करना उज्जवल मन.
मधु की तूलिका बन ,करना समर्पण मन..

डॉ मधु त्रिवेदी

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