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20 Sep 2016 · 1 min read

एक बात बता जिन्दगी

अच्छा एक बात बता ज़िन्दगी,
मेरी उदासी कभी तुझे भी उदास करती है?
अगर उदास करती है,
तो क्यों मुझे उदासियाँ देती है,
मेरा टूटना तुझे भी बिखेर देता है?
अगर बिखेरता है तो क्यों मुझे टूटने देती है,
आसुओ का तुझे कुछ फर्क पड़ता है?
अगर फर्क पड़ता है,
तो क्यों मुझे आंसू देती है,
मेरा दिल टूटने से तेरे दिल में टीस उठती है?
अगर टीस उठती है, तो क्यों दिल लगाने देती है,
मेरी मुस्कराहट तेरा चेहरा खिला देती है?
अगर खिला देती है तो मुझे मुस्कुराने क्यों नहीं देती,
मेरी ख़ुशी तुझे हँसने को मजबूर नहीं करती?
अगर हंसने को मजबूर करती है तो क्यों मुझे खुश नहीं होने देती,
अच्छा एक बात बता ज़िन्दगी
“संदीप कुमार”

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