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22 Jul 2016 · 1 min read

*दुआ का असर*

आधार छंद-वाचिक भुजंगप्रयात
मापनी -122 122 122 122
दुआ का असर ये दुआ का असर है
लगे अब सुहानी सी हर इक डगर है
मिले क्यों खुशी गम के’ साये में’ हरदम
परेशां नज़र है परेशां बशर है
जहाँ साथ छोड़ा था’ तुमने हमारा
वहीँ पर अभी तक हमारा गुज़र है
तुम्हारी अदाओं का’ देखो नशा ये
कि बहकी हुई सी हरिक अब नज़र है
समूचा गगन लो हमारा हुआ ये हुआ प्रीत का अब मुकम्मल सफ़र है
धर्मेन्द्र अरोड़ा

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