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14 Jul 2016 · 1 min read

पारस

पारस हैं माता पिता ,दें खुशियों की खान
उनसा इस संसार में ,कोई नहीं महान

पारस जिसको भी छुए वो सोना हो जाय
संगत का जैसा असर पाठ यही सिखलाय

पारस पत्थर की तरह ,रिश्ते औ परिवार
छू कर ही इनको हमें खुशियाँ मिले अपार

पारस सी बेटी मिली ,हमको इक उपहार
जिससे जगमग हो गया पूरा घर परिवार

डॉ अर्चना गुप्ता

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