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18 May 2016 · 1 min read

जान बेजान थी मुस्कुराने लगी ।

? सुप्रभात मित्रों ?
एक मुक्तक में प्रकृति चित्रण
??????????????
ओस कणिका गिरी , गुनगुनाने लगी ।

गुनगुनी धुप में , खिलखिलाने लगी ।

अधखिली थी कली पा प्रकृति की छुअन ,

जान बेजान थी , मुस्कुराने लगी ।
??????????????

? वीर पटेल ?

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