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20 Nov 2025 · 1 min read

बाल पहेलियां

बाल पहेलियां
1
कुछ छोटे, कुछ खूब बड़े हैं,
हर ऋतु में हम शांत खड़े हैं।
बिन बालों की चोटी रखते,
हम से सारे झरने बहते।
2
सर्दी में देता हूं राहत,
गर्मी में बन जाता आफत।
तम के मुंह को कर दूं काला,
लाता हूं मैं रोज़ उजाला।
3
प्यास धरा की हर लेती हूं,
सब जीवों को सुख देती हूं।
मुझसे सुखमय मौसम पाओ,
बच्चों मेरा नाम बताओ।
4
मनमोहक सा रूप दिखाकर,
आ जाता हूं मुंह मुड़काकर।
सात कलर की सुंदर काया,
सब बच्चों को खूब लुभाया।
5
आदि कटूं तो दल बन जाऊं,
अड़ जाऊं तो सिहरन लाऊं।
मध्य कटूं तो बाल बनूं मैं,
सूरज की इक ढाल बनूं मैं।

© मौलिक/अप्रकाशित
—- उत्तर —-
1.पहाड़, 2. सूरज, 3. बारिश, 4. इंद्रधनुष, 5. बादल।

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