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17 Nov 2025 · 1 min read

हर रोज निकल पड़ता है धुंधले सफ़र पर मन

हर रोज निकल पड़ता है धुंधले सफ़र पर मन
रास्ते खोए से हैं और मंज़िलें गुमनाम हैं

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