तेरा यह शहर, तेरी यह गली
यह तेरा शहर, यह तेरी गली, जा रहा हूँ तेरा साथ मैं छोड़कर।
जी आजाद खुश तू आबाद रहना, मत रोना कभी मुझे तू याद कर।।
यह तेरा शहर, यह तेरी गली———————————-।।
मालूम था जब तुमको सब कुछ, बेखबर क्यों मुझसे हुई।
समझी नहीं तू मेरी मोहब्बत, शक मुझपे तू करती रही।।
यह तेरी डगर, यह तेरा दामन, जा रहा हूँ तेरा हाथ मैं छोड़कर।
यह तेरा शहर, यह तेरी गली—————————–।।
मुझसे ज्यादा तुमने भरोसा, अनजानों पर कैसे किया।
जो बदनाम तुमको करेंगे, दिल क्यों उनपे वार किया।।
यह तेरा चमन,यह तेरी जमीं, जा रहा हूँ तेरा घर मैं छोड़कर।
यह तेरा शहर, यह तेरी गली————————–।।
हम यहाँ रुककर क्या करेंगे, अपने ही जब दुश्मन हुए हैं।
जिनको माना हमने अपना बेगाने अब वो हमसे हुए हैं।।
हर मुश्किल तेरी दूर करके, जा रहा हूँ तेरे लिए खुशियां छोड़कर।
यह तेरा शहर, यह तेरी गली—————————-।।
कल तुमपे गर कोई सितम, कोई तेरा साथी करें।
करके तुमको बदनाम कल, कोई अगर बर्बाद करें।।
मत रोना मेरी मोहब्बत याद करके,जा रहा हूँ आबाद तुमको मैं छोड़कर।
यह तेरा शहर, यह तेरी गली———————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला-बारां(राजस्थान)