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15 Nov 2025 · 1 min read

पहरे कड़े हैं

नयन आपके खूबसूरत बड़े हैं।
दीदार को तेरे दर पर खड़े हैं।
न पूछो मुहब्बत कितनी है तुमसे,
लड़कपन से तेरे पीछे पड़े हैं।।

अपना बनाने की जिद पर अड़े हैं।
मुहब्बत में तेरी सबसे लड़े हैं।
आए हैं छुपकर मिलने हम तुमसे,
दरवाजे पर बहुत पहरे कड़े हैं।।

स्वरचित रचना-राम जी तिवारी”राम”
उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

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