मन के सच्चे
बालदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🇮🇳🇮🇳🙏🏻
#दिनांक:-14/11/2025
#बालगीत
#शीर्षक:-मन के सच्चे
चित चंचल, मन अबोध,
बनते सयाने बड़े बोध।
सारे काम करने की होड़,
सारे सवाल का होता तोड़।
ज्ञान विनयशीलता दिखाए,
प्यारी बहन को खूब खिझाए।
जीतकर कोयल से दिखलाए,
सारे पंछियो के छक्के छुडाए।
तोतली बोली में गुनगुनाकर,
हरकतो से सबको हँसाकर।
बच्चे मन के सच्चे सुहाते,
नेह मां का कभी ना भुलाते।।
(स्वरचित,मौलिक और सर्वाधिकार सुरक्षित है)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई