Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
14 Nov 2025 · 1 min read

साहित्य

साहित्य का श्रृंगार शब्दों से होता है !
और आज का नौसिखिया कवि
कविता के नाम पर सिर्फ तुकबंदी बोता है !!
बेहूदा चुटकुले और मंच की नौटंकियों ने
कविता पर अपना अधिकार कर लिया है !
श्रोताओं ने भी मय तालियों के
इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया है !!
बीत गया वो समय जब हम शान से कहते थे…
साहित्य समाज की पीड़ा ढोता है !
कैसे कह दूं ये झूठ आज कि
साहित्य समाज का दर्पण होता है !!
• विशाल शुक्ल

Loading...