*बाल दिवस*
नन्हे मन के सपनों को अब पंख लगाना होगा,
देश की धरा पर फिर उजियारा लौटाना होगा।
बाल दिवस का संदेश हमें हर पल यह समझाता,
बच्चों का कल सँवरे तो ही भविष्य मुस्कुराता ।।
ज्ञान की किरण हर घर में अब फैलनी चाहिए,
शिक्षा की गंगा सब ओर से बहनी चाहिए।
इकतरफ़ा दौड़ न जीवन की, संतुलन भी ज़रूरी,
मासूमियत के संग हो खुशियाँ, नन्ही हृदय-डोरी ।।
तकनीक के आकर्षण में मन न भटके बच्चों का,
संस्कारों की धूप मिले तो कमल-सा खुले हृदय उनका।
मानवता की राहों पर वे चलना सीखें,
सत्य-धैर्य की छाया में जीवन को लिखें ।।
भेदभाव की दीवारों को मिलकर ढहाना होगा,
हर नन्हे को अवसर-उषा का छोना होगा।
बाल दिवस बस पर्व नहीं, एक प्रतिज्ञा प्यारी,
बचपन की हँसी में बसती है देश की फुलवारी ।।
आओ मिलकर बीज प्रेम के आज ही बो दें,
नव पीढ़ी के उजले सपनों को आकाश से होड़ दे।
बाल दिवस पर निश्चय लें—हम सब साथ खिल खिलाएँगे,
भारत के हर बच्चे को उज्ज्वल कल दिलाएँगे ।।