गजल...!!!!
वह हमें देखकर हैरान है या हमारी बातों से हैरान है…
माथे पर कुछ इस तरह शिकन उभर आई लगता है बेहद परेशान है।
बैठो जरा हमारे रूबरू आके हम आंखों से ही बता देंगे कि…
हमारी रुह पर ज़ख्मों के कितने निशान है।।।
-ज्योति खारी
वह हमें देखकर हैरान है या हमारी बातों से हैरान है…
माथे पर कुछ इस तरह शिकन उभर आई लगता है बेहद परेशान है।
बैठो जरा हमारे रूबरू आके हम आंखों से ही बता देंगे कि…
हमारी रुह पर ज़ख्मों के कितने निशान है।।।
-ज्योति खारी