अपने सपनों के लिए उतना ही पागल बनो, जितना लोग तुम्हें रोकने
अपने सपनों के लिए उतना ही पागल बनो, जितना लोग तुम्हें रोकने के लिए हैं।
अपनी कीमत दूसरों से मत पूछो, खुद पहचानो।
इतना सशक्त बनते चलो कि हर दिन आपको खुद पर गर्व हो सके।
आपको बता दूँ — संघर्ष में ख़ूबसूरती है। इसे अपनाकर आप और भी ख़ूबसूरत हो जाएँगे।
कष्ट होना चाहिए आपको — बिना कष्ट के आप कुछ भी करना पसंद नहीं करेंगे।
जब-जब लगे कि सब कुछ खिलाफ है, आँखें बंद करना, गहरी साँस लेना, और खुद से कहना — अब मज़ा आएगा।
अपने आप को कमज़ोर और असहाय समझना सबसे बड़ा पाप है।
टूट पड़ो मुश्किलों की तरफ, उन्हें यह एहसास दिलाओ कि उन्हें और मजबूत होने की ज़रूरत है, क्योंकि आप उनसे कई गुना ज़्यादा मजबूत हैं।
सपनों को नींद नहीं, हिम्मत चाहिए —
और हिम्मत को भरोसा।
मन के विरोध जाकर, अपनी भलाई के लिए सही फैसला अपनाना,
बाद में मन को संतुष्टि देता है।
हर अनुभव, चाहे अच्छा हो या बुरा,हमें कुछ न कुछ सिखाता ही है —
बस ज़रूरत है सही नज़र से देखने की।
पर कौन-सी नज़र?वो जो शिकायत करने के बजाय, सीख लेने की कोशिश करे।वो जो हार में भी कुछ नया समझे।
वो जो दर्द को सबक माने, और गलती को सुधार का मौका।