ग़ज़ल
लोग पहले सवाल पूछेंगे।
बाद में हालचाल पूछेंगे।
बस दिखावे का ढोंग करके ही,
सारा मतलब निकाल पूछेंगे।
बंद जो भी हुए हैं पिंजरों में,
किसने फैलाए जाल पूछेंगे।
बाद में ज़ख्म की दवा होगी,
पहले सिक्का उछाल पूछेंगे।
उनपे उंगली अगर उठाई तो,
किसकी इतनी मज़ाल पूछेंगे।
जिनकी जेबें भरी हुई धन से,
उनको सारे दलाल पूछेंगे।
-राजेश पाली “सर्वप्रिय”