क्षणिका - सादगी
क्षणिका – सादगी
बेवफ़ा से
वफा की चाहत ही
शायद है
इस दिल की
सादगी
*
गजब है उनकी सादगी
तमाम शब् गुजार दी
ख्वाबों में जिनके
पूछते हैं
ये आँखें
सुर्ख़ क्यूँ हैं
*
सादगी
पराकाष्ठा है
खूबसूरती की
सुशील सरना /
क्षणिका – सादगी
बेवफ़ा से
वफा की चाहत ही
शायद है
इस दिल की
सादगी
*
गजब है उनकी सादगी
तमाम शब् गुजार दी
ख्वाबों में जिनके
पूछते हैं
ये आँखें
सुर्ख़ क्यूँ हैं
*
सादगी
पराकाष्ठा है
खूबसूरती की
सुशील सरना /