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27 Oct 2025 · 1 min read

क्षणिका - सादगी

क्षणिका – सादगी

बेवफ़ा से
वफा की चाहत ही
शायद है
इस दिल की
सादगी
*
गजब है उनकी सादगी
तमाम शब् गुजार दी
ख्वाबों में जिनके
पूछते हैं
ये आँखें
सुर्ख़ क्यूँ हैं
*
सादगी
पराकाष्ठा है
खूबसूरती की

सुशील सरना /

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