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26 Oct 2025 · 1 min read

कानों में ज़हर

ज़हर कानों में किसी ने जो घोला
ऐसा क्या है सरेआम नहीं रे बोला।

कोशिश ऐसे ही होवे ,घर तोड़ने की
क्यूं न करें जुगत , रिश्ता जोड़ने की।

बसा बसाया घर ,हो जाए है बर्बाद
ज़रा चुगलियों से ,रहो तुम आजाद

खाने में घोलो ज़हर ,तो सब मर जाए
ज़हर कान में घोलो ,घर नर्क बनाए।

सुरिंदर कौर

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