तुलसी
तुलसी
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तुलसी आंगन में जहां ।
रोग – शोक न हों वहां ।।
बनते सभी बिगड़े काम ।
तुलसी जीवंत देवी नाम ।।
सेवन करते पाप मिटें ।
शारीरिक बंधन कटें ।।
उस आंगन रहती खुशहाली ।
तुलसी रहे सदा हरियाली ।।
तुलसी को नित दो जलधार।
निश्चित ही हो जाये उद्धार ।।
तुलसी में औषधीय गुण अपार ।
तुलसी में देवीय शक्ति का सार।।
– मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
ग्राम रिहावली, डाक घर तारौली गूजर, फतेहाबाद, आगरा, उत्तर प्रदेश 283111
9627912535