कार्तिकेय गर्ग
कार्तिकेय गर्ग का जन्म मध्यप्रदेश के रीवा जिले के एक छोटे से गाँव मेथोरी में हुआ।बचपन सेही आप हिंदी व बघेली बोलियों में साहित्य साधना कर रहे हैँ।
वर्तमान में आप मंचों समाचार पत्रों, मंचो आदि में सक्रिय हैँ।सफर की रेखाएं नामक साझा संग्रह पुस्तक मे आपकी रचनाएं प्रकाशित हैँ। वर्तमान में आप बघेली बोली के प्रचार प्रसार में लगे हुए हैँ। इसके लिए आप सोशल मीडिया का भी सहारा लेते हैँ, व आपकी रचनाओं को इंस्टाग्राम में लाखों लोगों द्वारा सुना जाता है।