दीपावली
मुक्तक
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सुन्दर रंगोली से सज्जित, आंगन के सब छोर।
खूब लगा करती मनभावन, घर में चारों ओर।
दीप पर्व की शुभ वेला में, हर्षित हैं सब लोग।
भक्ति भावना से सबके मन, होते भाव विभोर।
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खूब सभी के मन में होती, धन दौलत की चाह।
इसी हेतु हर भाव सिंधु में, छलके भक्ति अथाह।
सब करते लक्ष्मी का पूजन, क्षमता के अनुरूप।
और नहीं करते कष्टों की, लेशमात्र परवाह।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य