विवाह अपने बिगड़े बच्चे और बच्चियों को सुधारने की स्कीम नहीं
विवाह अपने बिगड़े बच्चे और बच्चियों को सुधारने की स्कीम नहीं है शादी हो जाएंगे तो सुधार जायेंगे सब सिख लेंगे
शादी एक संस्कार है जीवन का।
तो अपने बच्चों को सेटल करने या अपने जिम्मेदारी से मुक्ति पाने या समाज के तनाव में दूसरे लड़के या लड़की का जीवन का नास ना करे।कृपया किसी दूसरे परिवार को बर्बाद ना करे।
लोगो से निवेदन है लड़के हो या लड़किया बस दहेज दे रहे है या सरकारी नौकरी है या अमीर है या अपनी जात के है सिर्फ ये देख कर शादियां ना करे। लड़का लड़की उसका परिवार ओर लोगो की नियत फितरत भी देख ले।पैसे जॉब से घर चलता है रिश्ते प्रेम व्यवहार नियत से चलते है।
आज की घटना के अनुभव से यही देखाकृपा अपने बेटियों बच्चों को सुधारने के पर्पस से किसी के जीवन से ना जोड़े
वरना नास होगा ।सिर्फ शादी करने के लिए शादी ना करे , ना बढ़ती उम्र के तनाव में।शादियां करे, कोन करेगा शादी।
शादी दो लोगों की जिंदगी को बना भी सकती है बिगड़ भी।
सिर्फ शादी करनी है या ही नहीं रहो उसके लिए शादियां ना करे।