चिराग खुद ही जलाएंगे बुझाने वाले
लौट आएंगे जरूर एक दिन जाने वाले
बेशक भुला बैठे हैं यूँ हमको भुलाने वाले
गुमान होगा उन्हे कि बिखर जाएंगे हम
भ्रम पाले बैठे हैं लगता है यही रुलाने वाले
इस दिल में हमने बसा रखा था जिन्हे
क्या मालूम था निकलेंगे दिल दुखाने वाले
हम सम्भल जाएंगे वक्त बेवक्त ही कभी
रोएंगे खुद जख्मों पे कोयला जलाने वाले
कशमकश में हूँ कैसै बद्दुआ दूँ उनको
मुँह फेर कर हँसते हैं हमको हँसाने वाले
“V9द”
हमें भी यकीन है हमारी महोब्बत पर
चिराग खुद जलाएंगें चिराग बुझाने वाले