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15 Oct 2025 · 1 min read

नीत्शे और ओपेनहाइमर

एक महान दार्शनिक बना
तो दूसरा
महान वैज्ञानिक बना
एक ने अपने विचारों में
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को उलट दिया
तो दूसरे ने अपने ज्ञान से
संसार को भयभीत कर दिया।

एक दिन नीत्शे ने
ईश्वर को मार दिया
तो एक दिन ओपेनहाइमर ने—
मानवता को।

दोनों ने अपनी
अद्वितीय बौद्धिक प्रतिभा का
भयंकर प्रदर्शन किया
लेकिन अन्त में—
दोनों ही बने
त्रासदी के बन्दी।

~ प्रतीक झा ‘ओप्पी’

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